उत्कर्ष के उस मैसेज के बाद कोई मैसेज या कॉल नहीं आयीं धीरे धीरे कई दिन, हफ़्ते और महीने गुजरे लगे श्री उत्कर्ष को लेकर बहुत परेशान और उदास रहती। कभी खुद को समझाती पर फिर भी दिन भर में कई बार उत्कर्ष का लास्ट सीन चेक करती है फिर यह सोचती उस के पास दुनिया के लिए टाइम है, व्हाट्सएप के लिए टाइम है, फेसबुक के लिए टाइम है पर मुझे मैसेज करने या मुझसे बात करने के लिए टाइम नहीं है फिर वह खुद से ही सवाल करती कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने मुझे मैसेज करना अचानक बंद कर दिया उस दिन तो जब बात हुई थी आखरी बार तब तो कहते थे कि आप मेरे हबीब हैं आपके लिए तो मैं दिन रात इंतजार कर सकता हूं फिर अचानक से बदल क्यों गए इसी बीच श्री के हसबैंड अभिषेक का ट्रांसफर हो जाता है और परेशान जाती है क्योंकि उसका ट्रांसफर और दूर हो गया था अपने ट्रांसफर से बहुत ज्यादा परेशान थी फिर एक दिन उसने उत्कर्ष को मैसेज किया कि मैं जानती हूं आपने मुझे ऐसे ही महिला समझा आखिर मैं शहर से बाहर थी मेरा आपका क्या साथ हो सकता था जब चाहे तब आपने मुझसे मिल नहीं सकते थे और ना ही इस रिश्ते का कोई भविष्य होता इसलिए आपने मुझसे इस संबंध को आगे बढ़ाना उचित नहीं समझा आपके लिए एक और खुशखबरी मैं आपसे अब और दूर जा रही हूं मेरा ट्रांसफर हो गया है और मैं वहां जा रहा हूं थोड़ी देर बाद उत्कर्ष ने उस मैसेज को पढ़ा और रिप्लाई किया कि आप मुझे गलत समझ रही है ऐसा कुछ नहीं आपके और मेरे शहर के बीच की दूरी कोई दूरी नहीं है मैं जब चाहूंगा तब आपसे आकर मिल सकता लेकिन मुझे लगा कि मैं कहीं आपकी लाइफ में जबरदस्ती तो नहीं आ रहा हूं बस इसीलिए खुद को रोक लिया था पर शायद आपने मुझे गलत समझ लिया है और आपके ट्रांसफर से मुझे खुशी नहीं दुख हो रहा इस मैसेज को उत्कर्ष ने श्री को सेंड कर दिया मैसेज देखने के बाद श्री ने कोई जवाब नहीं दिया और उसके बाद फिर कई दिनों तक कोई मैसेज न उत्कर्ष ने श्री को किया ना श्री ने उत्कर्ष को लेकिन कहते हैं ना शायद ईश्वर को यह मंजूर नहीं था और अभिषेक का ट्रांसफर कैंसिल हो गया और अब उनका ट्रांसफर उत्कर्ष के शहर में कर दिया गया यह खबर सुनने के बाद श्री बहुत खुश थीं क्योंकि वह अपनी मां के पास जा रही थी और यह भी जानती थी कि उसकी मां को उसकी बहुत अधिक जरूरत है। इसी बीच श्री ने अपने ट्रांसफर की खबर उत्कर्ष को मैसेज से बतायी जिसके बाद उत्कर्ष का जवाब आता है यह तो बहुत अच्छी खबर इसके आगे कुछ भी नहीं लिखता और फिर कोई मैसेज नहीं आता कि कब आ रही हो, कहां रहेंगी, क्या कुछ भी नहीं इस बात को फिर से दिन और महीनों में तब्दील हो जाते दिवाली आने वाली थी धनतेरस की रात 12:00 बजे उत्कर्ष का हैप्पी दिवाली मैसेज आता है। श्री को यह मैसेज देखकर थोड़ा अचंभा होता है कि अचानक मुझे यह दिवाली का विश क्यों करना है फिर भी उस ने सेम टू यू कह मैसेज किया और साथ में दिवाली का पिक्चर मैसेज सेंड कर देती है और साथ में यह भी सूचना दे देती है कि वह अपने सामान के साथ उनके शहर में शिफ्ट हो गई उसके बाद फिर दिन और हफ्तों तक उत्कर्ष से कोई बात नहीं होती उसके बाद दिसंबर आता है जब उत्कर्ष का जन्मदिन होता है इस बार श्री उत्कर्ष को जन्मदिन की बधाई नहीं देती पूरा दिन बीत जाता है पूरी रात भी बीत जाती है 24 घंटे बाद श्री एक मैसेज उत्कर्ष को करती है बिलेटेड हैप्पी बर्थडे इसे देखकर उत्कर्ष तुरंत श्री को जवाब देता मोहतरमा आपकी बर्थडे विश का मैं कल रात 12:00 बजे से इंतजार कर रहा हूं और आपने आज विश किया मैंने पूरा दिन आपका इंतजार किया लेकिन आपने मुझे विश नहीं किया। उसके बाद उत्कर्ष बहुत-बहुत शुक्रिया का मैसेज करता हैं यqह बात इतनी ही होकर खत्म हो गई इसके बाद उत्कर्ष का जवाब श्री ने देना उचित नहीं समझा उसके बाद फिर कुछ दिनों तक कोई बात नहीं हुई लेकिन अबकी बार यह दिन हफ्तों और महीनों में नहीं बदले एक दिन रात को 12:00 बजे श्री ने उत्कर्ष को मैसेज लिखा मुझे आपसे बात करनी है यह मैसेज उत्कर्ष ने उस दिन तो नहीं देखा दूसरे दिन जरूर देखा और मैसेज का जवाब दिया गुड मॉर्निंग माफ कीजिएगा मेरे कुछ स्वास्थ्य अच्छा नहीं था इसलिए रात को जल्दी सो गया और आपका मैसेज नहीं देख पाया जैसे ही अभी आपका मैसेज देखा मैंने आपको तुरंत रिप्लाई किया जी बताइए क्या बात करनी है।
क्रमश......
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