मेरा शहर थक गया उसका हौसला भी टूट रहा है हिम्मत भी हार रहा है पर यकीन रखिए फिर उठेगा यह काले बादल छंट जाएंगे फिर सुबह का सूरज उगेगा फिर हम सब ताज़ी हवा में सांस लेंगे बस हौसला रखना है। इंतजार करना है नई सुबह का उस सुबह का जब हम खुल कर खुली हवा में सांस लेंगे उस दिन का जब हम हाथ मिलाने और गले लगाने से नहीं डरेंगे।
फिर वह दिन आयेंगे जब सब के सुख दुःख साथ मिल कर बाटेंगे खुशी हो या गम सब इकट्ठे होंगे। बस थोड़ा सा धैर्य थोड़ी सी समझदारी थोड़ा सा आत्मविश्वास रखना अपना और अपने अपनों का ख्याल रखना हैं और सकारात्मक सोच के साथ अपने आस पास सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है।
अभी के लिए सिर्फ ईश्वर पर विश्वास और सकारात्मक सोच के साथ अपने प्रति जागरूक रहिए।
डॉ सोनिका शर्मा
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