रोहिणी को घर का काम निपटाने में आज देर हो गई थीं वैसे तो रोज़ वह 9:30 तक रात में बिस्तर पर पहुंच जाती थी पर आज सब काम निपटाते हुए और घर को समेटते हुए उसे 10:30 बज गए नींद उसकी आंखों से कोसों दूर थी पर शरीर बहुत थका हुआ था। थकान से भरे होने के कारण वह धम्म से बिस्तर पर आकर पड़ गई और एसी को थोड़ा तेज़ किया क्योंकि काम करने के कारण पसीने - पसीने हो गई थी।
कुछ देर तक तो रोहिणी चुपचाप बिस्तर पर लेटी रहती है फिर उसे अपने मोबाइल की सुध आई चारों तरफ नजरें घुमा कर देखती है तो उसे अपना मोबाइल नहीं दिखाई देता जैसे ही वह बिस्तर से उठकर मोबाइल को ढूंढने की कोशिश करती है सामने टेबल पर उसे रखा हुआ दिख जाता है जिसे रोहिणी हाथ में वापस लेकर बिस्तर पर लेट जाती है अब तक रोहिणी का पसीना सूख चुका होता है इसलिए वह एसी को थोड़ा धीरे कर देती है। सबसे पहले रोहिणी मोबाइल पर आए व्हाट्सएप मैसेजेस को चेक करती है उसके बाद वह अपना इंस्टाग्राम अकाउंट चेक करती है इन सब को करते-करते कब 12:00 बज जाते हैं रोहिणी को पता ही नहीं चलता उसके बाद वह अपने फेसबुक अकाउंट पर जाती है जहां पर आए नोटिफिकेशन देखती है और जो भी नई पोस्ट अाई वह देखती है। थोड़ी देर बाद जब उसे लगता है कि अब फेसबुक पर कुछ भी देखने को नहीं बचा तो वह सर्च सेक्शन में जाकर अमन को सर्च करके उसका प्रोफाइल विजिट करती है यह काम रोहिणी तकरीबन - तकरीबन रोज ही करती है।
अमन के प्रोफाइल पर जाकर रोज ही उसके स्टोरी को देखना उस की डीपी को जूम करके उसको देखना रोहिणी का रोज का काम है इसमें उसे क्या अच्छा लगता है कौन सी संतुष्टि मिलती है यह तो रोहिणी और उसका दिल ही जाने पर यह काम रोहिणी करती जरूर है। रोहिणी और अमन ना तो दोस्त थे, न ही गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड और ना ही इनका दूर - दूर तक आपस में कोई रिश्ता था। हां एक रिश्ता था जो जुड़ते जुड़ते रह गया था शादी का दोनों एक दूसरे को एक मैट्रिमोनियल साइट के जरिए से मिले थे जहां दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया था। सबसे पहले अमन ने रोहिणी को उसके मैट्रिमोनियल अकाउंट पर पर्सनल मैसेज भेजा था। रोहिणी ने पहली बार जब अमन का मैसेज पढ़ा तो उस पर कोई रिप्लाई ना करके वहां दिए हुए नंबर को अपनी मम्मी को दे दिया था उसे यह बिल्कुल भी नहीं लगा था की अमन ने यह नंबर रोहिणी को पर्सनल कॉल करने के लिए दिया। रोहिणी को लगा कि शायद यह नंबर अमन की मां का होगा या अन्य किसी फैमिली मेंबर का वह तो जब रोहिणी की मां ने अमन के दिए हुए नंबर पर कॉल किया तब जाकर पता चला कि यह नंबर अमन का है वही बातचीत के दौरान रोहिणी की मां ने अमन की सारी चीजों का पता किया और आगे की बात के लिए अमन के घर वालों का नंबर भी लिया।
रोहिणी की मां के इस कॉल के बाद अमन में वापस उसी मैसेंजर पर रोहिणी को दोबारा मैसेज किया और रोहिणी का पर्सनल नंबर मांगा जोकि रोहिणी को देना बिल्कुल भी सही नहीं लगा क्योंकि वह दोनों ही एक मैट्रिमोनियल साइट पर थे ना की किसी डेटिंग साइट या ऐप पर।
अमन के घरवालों से रोहिणी की मां की बात हुई दोनों ही परिवारों को दोनों ही परिवार ठीक लगे और दोनों परिवारों ने मिलकर एक तय समय पर रोहिणी के घर पर मिलने का प्रोग्राम बनाया। पहले से तय तारीख और समय पर अमन के घर वाले रोहिणी के घर पर पहुंचे जहां पर अमन और रोहिणी की पहली मुलाकात होती है रोहिणी जोकि देखने में बहुत ही खूबसूरत और पढ़ी लिखी शांत स्वभाव की लड़की थी जिसको मना करने का कोई भी कारण नहीं दिखता था। वही अमन साधारण सा दिखने वाला लड़का था। दोनों में अंतर था रोहिणी जहां बहुत सुंदर थी वही अमन साधारण सा था रोहिणी दोहरे शरीर की थी वही अमन इकहरे शरीर का था। अमन ने जब पहली बार रोहिणी को देखा तो देखता ही रह गया। अमन के परिवार वालों को रोहिणी पसंद थी और रोहिणी के परिवार वालों को अमन पसंद था अब दोनों परिवारों ने एक दूसरे को अपनी - अपनी रजामंदी तो बता दी थी अब मुद्दा यह था कि अमन को रोहिणी के साथ कुछ समय चाहिए था वह समय कुछ मिनटों या घंटों का नहीं कुछ दिनों का था। अमन का कहना था कि वह रोहिणी को शादी से पहले समझना चाहता है उसकी सोच को जाना चाहता है।
अमन की इस बात को सुनकर दोनों ही घर वालों ने इस बात को हंसी में टाल दिया और अमन को समझाते हुए अमन के परिवार ने कहा एक बार शादी होकर आ जाएगी रोहिणी फिर तुम समझते रहना।
अमन और रोहिणी के परिवार की मीटिंग के बाद से यह तो पक्का हो गया था कि दोनों जल्द ही शादी के बंधन में बंध जाएंगे इसलिए अब दोनों एक दूसरे से फोन पर बात करने लगे थे जिससे वह शादी से पहले एक दूसरे को समझे इसी बीच अमन के घर वालों ने शादी और सगाई की तारीख निकाली। सगाई दो महीने के बाद की थी और शादी उसके आगे तीन महीने के अंतर में थी दोनों ही तारीखें बहुत जल्दी की निकली थी। इन तारीखों से दोनों ही परिवार सहमत और खुश भी थे। रोहिणी और अमन तो अपनी नई दुनिया के सपनों में रंग भरना भी शुरू कर दिया था। इसी बीच अमन ने रोहिणी से मिलने के लिए कहा पर रोहिणी ने यह कहकर मना कर दिया कि दो महीने में तो सगाई है तो हम मिल ही रहे हैं ना पर अमन इस बात को मानने के लिए तैयार ना हुआ और अमन ने रोहिणी से मिलने के लिए एक प्लान बनाया। उसने अपने घरवालों और रोहिणी के घरवालों से कहा वह अपनी और रोहिणी के लिए सगाई की अंगूठी लेना चाहता है इसलिए वह इस हफ्ते के अंत में उसके शहर आ रहा है अंगूठी खरीदवाने के लिए। इस बात को सुनकर अमन और रोहिणी दोनों के घरवालों ने कोई भी आपत्ति नहीं जताई और इसी बहाने अमन रोहिणी से मिलने उसके शहर आ गया दोनों तय समय पर तय जगह पर मिले।
उस दिन रोहिणी ने पहली बार अमन को करीब से देखा और ना चाहते हुए भी रोहिणी अमन के और खिंचती चली गई धीरे-धीरे उन दोनों के बीच प्यार की शुरुवात हो गई। इस मुलाकात के बाद दोनों और करीब आ गए। रोहिणी और अमन के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था अब तो दोनों ही एक दूसरे के प्यार में डूब चुके थे दोनों ही अपने भविष्य के लिए हजारों सपने बन चुके थे। एक दिन अचानक अमन की मां का फोन रोहिणी की मां के पास आता है शायद कुछ दहेज के लेनदेन की बात होती है जिस पर दोनों परिवार एक जगह सहमत नहीं हो पाते और इस कारण से अमन के घरवाले सगाई की तारीख को बढ़ाकर शादी के 2 दिन पहले की कर देते हैं। रोहिणी अमन की मां का इस तरह का रवैया देख परेशान होती है साथ ही अमन के चुप रहने से बहुत दुखी होती है उसे लगता है कि आज जब अमन को उसका साथ देना चाहिए तो वह चुप रह कर अपने घर वालों का साथ दे रहा जो कि गलत भी है रोहिणी कभी भी नहीं चाहती कि अमन अपने घर वालों के खिलाफ जाएं पर गलत बातों पर साथ देना भी तो गलत है। रोहिणी इस बात को लेकर थोड़े दिन तक अमन से और साथ ही उसके घरवालों से नाराज रहती है पर कुछ दिन बाद अपने आपको मना कर वह सामान्य हो जाती है धीरे धीरे दिन बीतते जाते हैं अमन की मां की दहेज की मांग और उनकी इच्छाएं बढ़ती जाती रोहिणी जानती है कि वह कुछ भी कर ले अमन उसके साथ नहीं खड़ा होगा इसलिए रोहिणी चुपचाप उसकी मां की उसके घर वालों की गलत मांगों को पूरे होता देखती रहती है।
एक दिन शादी के तकरीबन एक महीने पहले अमन की मां का फोन रोहिणी की मां के पास आता है और वह तिलक में देने वाले रुपए की मांग करती हैं जो वह रुपए तिलक से पहले ही मांग रही जोकि सरासर गलत था इस बात को डिस्कस करने के लिए रोहिणी ने अमन से कई बार कोशिश की पर अमन किसी ना किसी बहाने से इस बात को टाल जाता जब बात को बिगड़ता देखा तो रोहिणी में अमन को समझाने की कोशिश की क्योंकि अब रोहिणी को लगा बात इतनी बिगड़ रही है कि कहीं ऐसा ना हो कि शादी टूट जाए इस बात को डिस्कस करने के लिए रोहिणी में अमन को मिलने के लिए अपने शहर बुलाया जिसके लिए अमन आसानी से तैयार हो गया। अमन ने रोहिणी से वीकेंड पर आने को बोला और फिर उसके बाद उसने रोहिणी को बताया कि अब वह दिल्ली छोड़ पुणे नई जॉब ज्वाइन करने जा रहा है पर वह रोहिणी से मिलने उसके शहर आएगा फिर अपने घर मम्मी पापा से बात करने जाएगा उसके बाद वह पुणे जाएगा।
रोहिणी वीकेंड पर अमन का वेट करने लगी अमन ने दिल्ली से फ्लाइट लेने से पहले रोहिणी से बात की और बोला कि दो घंटे में उसके पास उसके घर होगा रोहिणी अमन का इंतजार करने लगी और इंतजार करते करते करीब तीन घंटे हो चुके थे रोहिणी ने अमन को कॉल किया पर अमन का फोन स्विच ऑफ था रोहिणी को उसके घर वालों ने समझाया कि वह हो सकता है अभी भी फ्लाइट में होगा करीब आधे घंटे बाद रोहिणी ने फिर अमन को कॉल किया अभी भी फोन स्विच ऑफ ही था पर अब उसका फोन ऑफ की सूचना मराठी में दे रही था रोहिणी को कुछ समझ नहीं आया। उस पूरे दिन रोहिणी में अमन का इंतजार किया पर उस दिन ना तो अमन ही आया और ना ही उसकी कोई कॉल आई और ना ही उसका फोन ऑन ही हुआ।
उस दिन के बाद रोहिणी में रोज़ दिन में कम से कम 30 से 40 बार अमन को उसके नंबर पर कॉल किया लेकिन हर बार मराठी बोली में फोन ऑफ होने का ही जवाब मिलता। अब तक रोहिणी जान चुकी थी कि अमन नई कंपनी को ज्वाइन करने पुणे जा चुका है और वह रोहिणी से मिलने उसके घर नहीं आने वाला। रोहिणी के जहन में यह सवाल उस दिन से घर कर गया कि उस दिन अमन ने रोहिणी को सच्चाई क्यों नहीं बताई कि वह उससे मिलने नहीं आ रहा है बल्कि वह नई कंपनी ज्वाइन करने जा रहा है उसमें रोहिणी से बात क्यों नहीं की उसने क्यों नहीं बताया कि वह क्यों नहीं आया?
अमन की इस हरकत के बाद रोहिणी डिप्रेशन में जा चुकी थी उसको इतना बड़ा आघात पहुंचा था जिससे वह संभल नहीं पा रही थी। इस घटना के कुछ ही महीने बाद अमन ने अर्चना नाम की लड़की से शादी कर ली। जिस का पता करीब एक डेढ़ साल बाद रोहिणी को उसके फेसबुक अकाउंट से चला जिससे रोहिणी एक बार दोबारा टूट गई। रोहिणी अमन की इस हरक़त के बाद पूरी तरह टूट चुकी थी और उसे संभालने में तकरीबन तीन साल लग गए। लेकिन अमन की हरकत के बाद रोहिणी का सब पर से विश्वास उठ चुका था। अब रोहिणी किसी पर विश्वास नहीं करना चाहती थी पर घरवालों के दवाब में आकर उनकी मर्ज़ी से शादी के लिए तैयार हो गई।
आज उसकी शादी को तकरीबन दस साल होने को आए है और उसके दो बच्चे भी है पर वह अमन के धोखे को आज भी नहीं भुला पाई हैं आज भी वह अपने सवालों के जवाब के लिए रोज़ अमन के फेसबुक अकाउंट पर विजिट करती हैं कि शायद ही से कभी अमन को उसकी याद आ जाए और कम से कम वह यह तो बताए कि वह उस दिन क्यों नहीं आया। अमन की शादी को तकरीबन तेरह साल हो गए और उसके भी दो बच्चे हैं और वह अपनी दुनिया में मस्त हैं। अब तक शायद अमन रोहिणी को भी भुला चुका हैं।
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