Friday, November 6, 2020

आशाएं

 

खुले आसमां में उड़ने के लिए
एक बार फिर मैं तैयार हूं
ऊंची उड़ान भरने के लिए
एक बार फिर मैं तैयार हूं।।

गिरी हूं थकी हूं
टूटी हूं हारी हूं
पर हिम्मत अभी भी बाकी है
ऊंची उड़ान भरने के लिए
एक बार फिर मैं तैयार हूं।।

लड़खड़ाते हुए संभालना
गिर कर उठना
हार कर जीतना अभी भी बाकी है
ऊंची उड़ान भरने के लिए
एक बार फिर मैं तैयार हूं।।

बहुत लड़ चुके दूसरों के लिए
इस बार अपने लिए सोचना है
अपनी लड़ाई अभी भी बाकी है
ऊंची उड़ान भरने के लिए
एक बार फिर मैं तैयार हूं।।

कल तक सपने थे अपनों के लिए आंखों में
अब अपने लिए सपने देखने हैं
अपनी इच्छाएं पूरी करनी अभी भी बाकी है
ऊंची उड़ान भरने के लिए
एक बार फिर मैं तैयार हूं।।

डॉ सोनिका शर्मा

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