Friday, October 16, 2020

ऐ दिल धड़कना

 ऐ दिल अब तो धड़कना छोड़ दें

वह अब तुम्हारा नहीं हैं

कल तक जो बाहों में था तुम्हारी

अब वह किसी और को बाहों में लिए हैं।


ऐ दिल अब तो धड़कना छोड़ दें

अब वह तुम्हारी चाहत नहीं है

कल तक जो थामे था हाथ तेरा

आज उसे थाम कर चल रहा है कोई।


ऐ दिल अब तो धड़कना छोड़ दें

अब वह तुम्हारी जान नहीं हैं

कल तक ज़िन्दगी था तुम्हारी

आज उसकी ज़िन्दगी कोई और हैं।


ऐ दिल अब तो धड़कना छोड़ दें

अब तक प्यार करता था तुम्हें

कल तक पसंद थी तुम उसकी

आज वह पसंद किसी और की हैं।


ऐ दिल धड़कना छोड़ दें

अब तक इंतज़ार है तुम्हे उसका

कल तक उसकी नज़रे देखती थी बस तुम्हें

आज उसकी नज़रों में कोई और हैं।


डॉ सोनिका शर्मा

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