ऐ दिल अब तो धड़कना छोड़ दें
वह अब तुम्हारा नहीं हैं
कल तक जो बाहों में था तुम्हारी
अब वह किसी और को बाहों में लिए हैं।
ऐ दिल अब तो धड़कना छोड़ दें
अब वह तुम्हारी चाहत नहीं है
कल तक जो थामे था हाथ तेरा
आज उसे थाम कर चल रहा है कोई।
ऐ दिल अब तो धड़कना छोड़ दें
अब वह तुम्हारी जान नहीं हैं
कल तक ज़िन्दगी था तुम्हारी
आज उसकी ज़िन्दगी कोई और हैं।
ऐ दिल अब तो धड़कना छोड़ दें
अब तक प्यार करता था तुम्हें
कल तक पसंद थी तुम उसकी
आज वह पसंद किसी और की हैं।
ऐ दिल धड़कना छोड़ दें
अब तक इंतज़ार है तुम्हे उसका
कल तक उसकी नज़रे देखती थी बस तुम्हें
आज उसकी नज़रों में कोई और हैं।
डॉ सोनिका शर्मा
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