तुझे सोच आज भी आंखे भर आती है
पर न जाने क्यों आज भी बेपरवाह हैं।
तू आज भी मेरे हर सवाल का जवाब है
पर न जाने क्यों तू आज भी बेखबर हैं।।
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तारों वाली कोठी (भाग 2)
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