Friday, July 25, 2025

वर्तमान का बदलाव

 आजकल के लड़के... लड़कियों से शादी करने में डरने लगे हैं और उनके परिवार वाले भी यानी उनके माता-पिता भी, मालूम है क्यों ? क्योंकि पिछले कुछ महीनो से कुछ लड़कियों ने शादी करके या तो हनीमून पर ले जाकर अपने पति को मार दिया या घर में ही टुकड़े कर दिए या किसी ड्रम में सीमेंट के साथ जमा दिया। यह जो हो रहा है ना यह लड़कों के साथ पहली बार हो रहा है और इसीलिए उनके माता-पिता आज डर रहे शादी करने से इससे पहले अगर हम पीछे जाएं यानी अतीत में जाये तो उल्टा होता था तब लड़की के मां-बाप डरते थे शादी करने से कहीं ऐसा ना हो लड़का शादी करके छोड़ दे या दहेज के मामले में लकड़ी जला दी जाए या किसी और लड़की के चक्कर में उनकी लड़की को छोड़ दिया तो कई बार लड़कियां जान से मार दी गई है कई बार लड़कियां टुकड़ों में फ्रिज के अंदर भी मिली है तब यह लड़के के माता-पिता नहीं परेशान होते थे तब लड़की के माता-पिता परेशान होते थे और यह प्रक्रिया कई वर्षों से चली आ रही है लेकिन पिछले कुछ महीने से इसका उल्टा हो गया अब लड़के के माता-पिता परेशान होते हैं कि कहीं उनका लड़का मार दिया न जाए और इस बात का घोर विरोध हुआ खूब खबरें बनी, खूब बातें बनी लेकिन यह खबरें, यह बातें तब नहीं बनी जब लड़कियां मारी जा रही थी या जब लड़कियां मर रही थी।

यह बातें,  ख़बरें  तब बनी जब लड़कियों ने लड़कों को मारना शुरू कर दिया एक नया मुद्दा भी सामने आया की लड़कियां शादी कर रही है तलाक दे रही है और उसके बदले में अच्छी खासी रकम लेकर अलग हो रही है यह अभी कुछ ही महीनों, सालों से शुरू हुआ लड़के के माता-पिता तो बहुत परेशान हो गए की है कि हमने तो शादी की और बहू ऐसी निकल गई लेकिन थोड़ा पीछे जाइए आप कुछ भूल रहे हैं यह कई सालों से हो रहा है लड़कियों के साथ कि शादी करते थे और फिर किसी न किसी बहाने चाहे दूसरी औरत, चाहे पसंद नहीं थी, चाहे पढ़ी-लिखी नहीं थी, चाहे हमारे उसके सोच नहीं मिलती किसी भी कारण से बहाना बना कर लड़कियों को छोड़ दिया जाता था तब किसी को समस्या नहीं थी।

समाज कितना बदल रहा है समाज की मानसिकता कितनी दोगली है आज लड़के के मां-बाप को बहुत तकलीफ है की लड़कियां ऐसा करती है और तब कहां थे जब उन्हीं जैसी लड़कियों के साथ यह काम हो रहा था जब चोट अपने को लगती है ना तो दर्द भी खुद को होता है जब चोट दूसरे को रखती है तो दर्द का एहसास भी नहीं होता।

आज जिसको सुनो अगर वह लड़के का माता-पिता है तो वह बहुत परेशान है की अच्छी लड़कियां ही नहीं है आजकल तो किसी पर भरोसा ही नहीं कर सकते कि हमारे बच्चे को जान से मार दे तो शादी के बाद एक ही दो महीने बाद शादी का पैसा लेकर अलग हो जाए अच्छी खासी रकम लेकर  तब भी तो अच्छी लड़की नहीं थी जब लड़कियां घरों में जलाई जाती थी दहेज के लिए छोड़ दी जाती थी, जान से मार दी जाती थी दूसरी औरत के चक्कर में उन्हें छोड़ दिया जाता था तब यह समाज कहा था तब किसी लड़की की माता-पिता को यह नहीं लगता था कि कितना खतरा है हमारे बच्चे को यह समाज की दोहरी मानसिकता अगर इस बेटे की बड़ी बहन होगी तब उनकी मानसिकता अलग होगी लेकिन अगर वह वही बेटा जिसके घर में कोई लड़की नहीं है, कोई बहन नहीं है तो उनकी मानसिकता अलग होगी इतना दिखावा इतना झूठ इतना फरेब क्यों आज क्यों डर रहे हो कल करा था तब डरे थे आज जब तुम्हारे साथ हुआ तो सब गलत हो गया सब बुरे हो गए यह तो पिछले कई सालों से औरतों के साथ होता आ रहा है औरतें जलाई गई, मारी गई, टुकड़ों में फेंकी गई तब कहा था। समाज या तब कहां थे यह समाज के ठेकेदार जो अब बड़ी-बड़ी बातें करते हैं।

No comments:

Post a Comment

तुम और मैं ––एक रिश्ता

 तुम और मैं  पहले भी मिले होंगे कहीं,  अब मिलते ही एक रिश्ता जुड़ गया  कभी भी न टूटने वाला  तुमसे मिल कर खुद को पूरा होते पाया है  तुमसे दूर...