आज उस रकीब को देख तेरी बाहों में
यूं हुए मुंतशिर हम
जब थी मुहब्बत तुमसे वह झूठ था
आज नफ़रत है तुमसे यह सच है।।
यूं हुए मुंतशिर हम
जब थी मुहब्बत तुमसे वह झूठ था
आज नफ़रत है तुमसे यह सच है।।
शिक्षक दिवस की सभी को अनंत शुभकामनाएं आप सबके जीवन की पहली शिक्षिका तो माँ हैं पर दूसरी शिक्षिका या शिक्षक स्वयं जिंदगी है बहुत कुछ सिखाती ...
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