आज उस रकीब को देख तेरी बाहों में
यूं हुए मुंतशिर हम
जब थी मुहब्बत तुमसे वह झूठ था
आज नफ़रत है तुमसे यह सच है।।
यूं हुए मुंतशिर हम
जब थी मुहब्बत तुमसे वह झूठ था
आज नफ़रत है तुमसे यह सच है।।
अब लगता है उम्र हो रहीं हैं चेहरे से नहीं बालों से नहीं इस लिए भी नहीं की भर रहा हैं शरीर ऐसा नहीं कि यह सब आइना दिखा या बता रहा है इस...
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