तेरे जाने के बाद कुछ भी तो नहीं बदला
तुम भी वही मैं भी वही बस तेरा जाना मुझे तोड़ गया
दिन निकलता है शाम ढलती है
ख़्वाब तो आते हैं
पर आंखों से नींद ही गायब है
मेरे जिस्म में तेरी खुशबू है
पर तुम मेरे पास नहीं हो।
तेरे होने का एहसास है
पर तुम मेरे हो यह तुम मानते नहीं हो।
क्यों यूं बेज़ार कर गए
यूं आंखों में अधूरे ख्वाब छोड़ गए
क्यों एहसासों को जगा कर
यूं चले गए हो।
तुम भी वही मैं भी वही बस तेरा जाना मुझे तोड़ गया
दिन निकलता है शाम ढलती है
ख़्वाब तो आते हैं
पर आंखों से नींद ही गायब है
मेरे जिस्म में तेरी खुशबू है
पर तुम मेरे पास नहीं हो।
तेरे होने का एहसास है
पर तुम मेरे हो यह तुम मानते नहीं हो।
क्यों यूं बेज़ार कर गए
यूं आंखों में अधूरे ख्वाब छोड़ गए
क्यों एहसासों को जगा कर
यूं चले गए हो।
No comments:
Post a Comment