Friday, March 19, 2021

बदलते रिश्ते

 

अंशुला और अर्जुन कभी साथ थे दोनों एक दूसरे को नापसंद करते हुए दोस्त बने फिर उनकी दोस्ती धीरे –धीरे शादी तक पहुंच गई मैंने बीच में प्यार का नाम नहीं लिया क्योंकि यह बता पाना थोड़ा मुश्किल हैं कि दोनों में प्यार था कि नहीं पर दोनों ने शादी जरूर की थीं क्यों की थीं? कारण नहीं मालूम पर वह शादी साल भर भी नहीं चल पाई थीं। उनकी शादी क्यों टूट गई उसका कुछ खास कारण तो नहीं पता पर दोनों को ही एक दूसरे के साथ तब नहीं रहना था।
दोनों के साथ न रहने के कारण भी कई थे अर्जुन को लगता था अंशुला बहुत मैच्योर सी बेहवे करती हैं लाइफ को बहुत सीरियसली लेती है और जीती हैं। कुछ नया करने में कतराती हैं यहां तक कि कुछ नया सोचने से भी दूर भागती है। अर्जुन अंशुला से बिल्कुल विपरीत था लाइफ को शायद ही अब तक अर्जुन ने कभी सीरियस लिया हो। अर्जुन आज में जीना पसंद करता था लाइफ में नए नए एक्सपेरिमेंट करना उसे पसंद था फिर चाहे खाना हो, या कपड़े हो, घूमना हो, या फिर जॉब। सब जगह कोई न कोई नया एक्सपेरिमेंट करने में मस्त रहता था। अर्जुन का मानना था लाइफ सबको एक बार मिलती है उसे खुल कर अपने हिसाब से मस्त हो कर जीना चाहिए ना कि एक स्टीरियोटाइप तरीके से। लाइफ को एक्साइटेड बनाना चाहिए कुछ नया करके।
दोनों के सोच व्यवहार विचार खान पान सब बिल्कुल अलग थे। अंशुला शुद्ध शाकाहारी तो अर्जुन मांसाहारी। अंशुला शांत सौम्य सीधी सच्ची अपने वैल्यूज के साथ जीने वाली तो वहीं अर्जुन का लाइफ मैं कोई वैल्यूज नहीं थे फॉलो करने के लिए उसे जैसा मन करता जो मन करता वह करता था। अर्जुन तो झूठ इतनी सफाई और सच्चाई से बोलता कि उसे कोई जल्दी पकड़ ही नहीं सकता था। अर्जुन खुद भी कहता था सच के पास फटकता नहीं में झूठ को अपने से दूर जाने नहीं देता। अर्जुन का मानना था कि यहीं उसकी लाइफ हैं और वह इसी लाइफ के लिए बना है और खुश भी बहुत है इस लाइफ से।
कहीं न कहीं यहीं दोनों को एक दूसरे से अलग करने का कारण बन गया था। दोनों ने अपने रिश्ते को अपनी शादी को बचाने की बहुत कोशिश की पर बहुत सारे ऐसे कारण थे जिससे वह अपनी  शादी को नहीं बचा पाए। शादी के टूटने के बाद भी दोनों एक दूसरे के दोस्त थे वीकेंडस में मिलना बातें करना अपनी प्रॉब्लम एक दूसरे के साथ शेयर करना डिस्कस करना यह सब उनका अभी भी था उनका मानना यह था कि शादी हमारी सक्सेसफुल नहीं रही तो क्या हुआ दोस्त हम अच्छे रहे थे और आगे भी रह सकते हैं।
अंशुला और अर्जुन की शादी टूटने में भी अर्जुन का ही हाथ था क्योंकि अर्जुन अंशुला के साथ बिल्कुल भी एडजस्ट नहीं कर पा रहा था वहीं दूसरी तरफ अंशुला लाख कोशिश कर रही थी कि उसकी शादी ना टूटे पर अर्जुन का मानना था कि जिस रिश्ते में कंपैटिबिलिटी ना हो उस रिश्ते को निभाने का कोई मतलब नहीं इस रिश्ते को हम एक दूसरे पर थोप रहे हैं या यूं कहें इस रिश्ते को ढो रहे हैं। अर्जुन और अंशुला अपनी शादी की सालगिरह तो नहीं मना पाए पर अर्जुन अपने शादी टूटने को जरूर सेलिब्रेट करता था जिसकी वजह से अंशुला कहीं ना कहीं हर्ट तो होती थी पर उसका एहसास वह अर्जुन को कभी नहीं होने देती थी उन दोनों की शादी को टूटे हुए भी दो साल होने को आए थे।
इसी बीच अंशुला की जिंदगी में राहुल नाम का एक लड़का आता है और जैसा कि अंशुला और अर्जुन दोनों ही एक दूसरे से सब कुछ शेयर करते हैं और डिस्कस करते हैं अंशुला ने अर्जुन से राहुल के बारे में भी डिस्कस किया। जिसके बारे में सुनने के बाद अर्जुन को थोड़ा बुरा लगा अर्जुन को यह लगने लगा कि अब अंशुला मूव ऑन कर रही है अब शायद आगे वह दोनों अच्छे दोस्त भी ना रह पाए। अर्जुन यह जानते हुए कि राहुल एक अच्छा लड़का हैं और अंशुला के लिए सूटेबल भी है पर फिर भी वह अंशुला को राहुल का डार्क साइड ही दिखाता पर अर्जुन के सारे जतन करने के बाद और उसके न चाहते हुए भी अंशुला और राहुल करीब आ रहे थे।
वहीं दूसरी ओर राहुल को अर्जुन और अंशुला के रिश्ते से ऐसी खास कोई दिक्कत नही थी पर वह कही न कहीं यह जानता था कि अर्जुन उसे बहुत पसंद नहीं करता हैं। एक साधारण आदमी की तरह अर्जुन और अंशुला की दोस्ती पर कभी कभी राहुल को खराब भी लगता पर वह अंशुला पर पूरा विश्वास करता और उसकी खुशी के लिए कभी कुछ नहीं कहता।
इसी बीच अंशुला और राहुल शादी का फैसला करते है क्योंकि वह दोनों एक दूसरे के साथ कंपेटिबल थे और दोनो एक दूसरे के साथ रहना चाहते थे। यह बात सुन कर अर्जुन को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता इसका कारण यह भी था कि आज भी अर्जुन अंशुला पर अपना अधिकार समझता था या अब उसे अपनी दोस्ती खतरे में दिखाई देने लगी थीं।
अंशुला और राहुल की शादी की बात चीत के दौरान अचानक अर्जुन को अंशुला के लिए प्यार जाग जाता है और वह वापस अंशुला से शादी का प्रपोजल रखता है और अपने को बदलने की बात भी करता है जिसे सुन कर अंशुला उसे साफ शब्दों में मना कर देती है और समझाती है कि अगर यह शादी चलनी होती तो तभी चल जाती और अगर तुम्हे बदलना होता तो तब ही बदल जाते और आज भी तुम इनसिक्योर हो कि मेरी शादी राहुल से हो रही है तो सब बदल जाएगा इस लिए यह डिसीजन ले रहे हो पर अर्जुन हम पहले की तरह अभी भी अच्छे दोस्त रहेंगे तुम ऐसा क्यों सोचते हो। अर्जुन को अपनी सोच पर कोई रिग्रेट नही था वह तो सिर्फ और सिर्फ अंशुला को हासिल करना चाहता था क्योंकि उसे लगता था की राहुल उससे अंशुला को दूर ले जाएगा।
अर्जुन के प्रपोजल से अंशुला कहीं न कही परेशान थी और चाह कर राहुल से नहीं कह सकती थी क्योंकि राहुल इस बात को अलग नजरिए से देखेगा। वही अंशुला की राहुल के साथ सगाई हो जाती है और इस बात से अर्जुन अंशुला से चिढ़ने लगता है इसी के बाद करीब आठ महीने बाद अंशुला और राहुल की शादी फाइनल होती है इस खबर को अर्जुन नही झेल पाता और आनन फानन में वह अर्जुन अंशुला को दिखाने के लिए अपनी ऑफिस कॉलीग से शादी का फैसला लेता हैं। जिसे सुन कर अंशुला सोच में पड़ जाती है कि कैसे अर्जुन अपनी ही लाइफ से खेल रहा है सिर्फ मुझे और राहुल को नीचा दिखाने के लिए।
इधर राहुल से शादी तय होने के बाद अर्जुन अंशुला में दूरी आ गई थी अब अर्जुन न तो अंशुला से मिलता और न कुछ शेयर करता फिर भी अंशुला ने अर्जुन को समझाने के लिए अर्जुन को मिलने बुलाती है पर अर्जुन नही आता और टाल जाता है और दुबारा आता है तो अपनी गर्लफ्रेंड को साथ लाता है इस कारण अंशुला कुछ बात नही कर पाती अर्जुन से।
एक दिन अंशुला को अर्जुन से बात करने का मौका मिलता है और अर्जुन को अंशुला समझाते हुए कहती है कि लाइफ का कोई भी फैसला जल्दबाजी में मत लेना सोच समझ कर लेना जिस पर अर्जुन खीझ कर कहता है तुम मुझसे चिढ़ती हो जलती हो मेरी खुशी में खुश नहीं हो। इन बातों को सुन कर अंशुला काफी दुखी होती है और फिर दुबारा अर्जुन से न मिलने का फैसला लेती है। राहुल और अंशुला की शादी से पहले अर्जुन शादी कर लेता है और राहुल और अंशुला को शादी में भी नही बुलाता है जिससे अंशुला दुखी तो होती है पर अपने को समझा लेती है पर अपनी शादी मैं अंशुला अर्जुन को बुलाती है और अर्जुन जाता भी हैं।
अब अंशुला राहुल की शादी हो चुकी और दोनो अपनी जिंदगी में खुश भी है पर वहीं अर्जुन और उसकी गर्लफ्रेंड(पत्नी) का डाइवोर्स फाइल हुआ है और उसने अलमनी में करोड़ों रुपए मांग किए है और अर्जुन पूरी तरह से सड़क पर आ चुका है क्योंकि उसके पास अलमनी देने के बाद कुछ नही बचता।


Saturday, March 6, 2021

मन की गिरहे

 सुनो

ऐ स्त्री

कब खोलोगी 

अपने मन के अंदर की गिरहे

कब तक बंद रखोगी 

अपने भीतर उसे।


कब हल्का करोगी

अपने मन को भीतर तक

कब तक बंद रखोगी

अपने भीतर उसे।


माना की तुमने बहुत कुछ झेला

माना की तुमने बहुत कुछ देखा

पर अब बहुत हुआ

खोल दो उन गांठों को

हटा दो उन परतों को

कब तक बंद रखोगी

अपने भीतर उसे।


मकान को घर बनाया

परायों को अपना बनाया

अपने सपनों को भुलाया

अपनी इच्छा को कुचला

अब तो दिल को खोल दो

बह जाने दो उस सागर को

कब तक बंद रखोगी

अपने भीतर उसे।


कभी घर के लिए 

कभी बच्चो के लिए

कभी उनके लिए

खुद को रोका 

खुद को टोका

पर अब सब भुला कर

एक बार अपने लिए 

खोल दो मन को

कब तक बंद रखोगी

अपने भीतर उसे।


सुनो

ऐ स्त्री

कब खोलोगी 

अपने मन के अंदर की गिरहे

कब तक बंद रखोगी 

अपने भीतर उसे।।


डॉ सोनिका शर्मा

तारों वाली कोठी (भाग 2)

 श्री इसी उधेड़बुन में थी कि वह कैसे उत्कर्ष तक पहुंचे या उससे बात हो पाए या उससे मुलाकात| अचानक उसके दिमाग में एक विचार आता है आज के युग मे...