रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों ने फिर तेरी याद दिला दी
रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों ने फिर मुझे गुनगुनाना सिखा दिया
आज भी वह पल याद है जब तुझे देख बस देखती रह गई
आज भी वह जगह याद है जहां मिले थे हम कभी
वह मुलाकातें वह बातें वह झगड़े जो करते थे हम कभी।।
रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों ने फिर तेरी याद दिला दी
रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों ने फिर मुझे गुनगुनाना सिखा दिया
लगता है अभी कल ही की तो बात हो जब तुमने कहा था
अब न मिलना होगा कभी हमारा दोबारा
अब जुदा हो गए हम दोनों के रास्ते न मिलेंगे दोबारा।।
रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों ने फिर तेरी याद दिला दी
रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों ने फिर मुझे गुनगुनाना सिखा दिया
उस दिन तुम्हारी बातों को सुन हैरान रह गई थीं
जब करने चाहे कुछ सवाल तुम जा चुके थे
जब रोकना चाहा था तुम्हें तुम बहुत दूर जा चुके थे।।
रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों ने फिर तेरी याद दिला दी
रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों ने फिर मुझे गुनगुनाना सिखा दिया
जाने के बाद कितना खुद को और दिल को समझाया था
चाह कर भी तुमको भुला ना पाए थे कभी
चाह कर भी ना खुद से जुदा कर पाए थे कभी।।
रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों ने फिर तेरी याद दिला दी
रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों ने फिर मुझे गुनगुनाना सिखा दिया
याद है वह दिन जब तुम गए हो मेरी आंखों को आंसू देकर
मेरा हंसना और खिलखिलाना साथ ले गए तुम अपने
मेरी खामोशियां को छोड़ आवाज़ को साथ ले गए तुम अपने।।
डॉ सोनिका शर्मा
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