है हमें भी इश्क़ उनसे
गर इज़हार कर पाएं तो क्या बात है
जब नज़रों के सामने होते है वह
गर नज़रे उठ जाएं तो क्या बात है।।
डॉ सोनिका शर्मा
है हमें भी इश्क़ उनसे
गर इज़हार कर पाएं तो क्या बात है
जब नज़रों के सामने होते है वह
गर नज़रे उठ जाएं तो क्या बात है।।
डॉ सोनिका शर्मा
दूरियां
हां यह दूरियां
जो है तेरे और मेरे बीच
बढ़ती ही जा रही है
यह दूरियां।।
हां यह दूरियां
जो है तेरे और मेरे बीच
गलतफहमियों में बदल रही है
यह दूरियां।।
हां यह दूरियां
जो है तेरे और मेरे बीच
एक दूजे को जुदा कर रहीं है
यह दूरियां।।
डॉ सोनिका शर्मा
श्री इसी उधेड़बुन में थी कि वह कैसे उत्कर्ष तक पहुंचे या उससे बात हो पाए या उससे मुलाकात| अचानक उसके दिमाग में एक विचार आता है आज के युग मे...